कविता उनकी यादें July 14, 2022 / July 14, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment विचलित कर देती है,उनकी यादें कभी मुझको।नींद उड़ा ले जाती है,सोने नहीं देती है मुझको।। पता नहीं लग पाता है,कहां ले जाती है मुझको।करवटें बदलती हूं बस सलवटे दिखती मुझको।। शाम से ही आने लगती है उनकी यादें मुझको।खोलने द्वार जाती हूं,जब आहट होती मुझको।। कब यादों का मिलन होगा पता नहीं मुझको।अगर मिलन नहीं […] Read more » उनकी यादें