हिंदी दिवस ‘उम्मींदों की आशा हिन्दी’ September 3, 2014 / September 3, 2014 by बलवन्त | 1 Comment on ‘उम्मींदों की आशा हिन्दी’ बलवन्त जन सामान्य की भाषा हिन्दी। जन–मन की जिज्ञासा हिन्दी। जन–जीवन में रची बसी बन जीवन की अभिलाषा हिन्दी। तुलसी-सूर की बानी हिन्दी। विश्व की जन कल्याणी हिन्दी। ध्वनित हो रही घर–आँगन में बनकर कथा–कहानी हिन्दी। संकट के इस विषम दौर में उम्मींदों की आशा हिन्दी। गीत प्रेम के गाती हिन्दी। सबको गले […] Read more » ‘उम्मींदों की आशा हिन्दी’