व्यंग्य साहित्य एहसास की अभिलाषा January 17, 2019 / January 17, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment तुम पुष्प से सुकुमार हो, तलवार की भी धार हो।तुम ही भविष्य हो देश का, मजधार मे पतवार हो।माँ भारती को मान दो, और बड़ो को सम्मान दो।जो दुष्टता करते यहाँ, उन दुष्टों को अपमान दो।कर्तव्य पथ पर बढ़ चलो, और जीत सिर पर मढ़ चलो।जो सतजनों को सताता हो, दुष्टों से जंग भी लड़ […] Read more » - एहसास की अभिलाषा