कविता कविता: कविता या खबर-मोतीलाल July 21, 2012 / July 21, 2012 by मोतीलाल | Leave a Comment यह कविता कैसे हो सकती है उस खौफजदा पल का जब दस मजबूत हाथ दो कच्ची जांघोँ को चीर डाल रहे थे और छूटते खून की गंध तुम्हारे ड्राइंगरुम मेँ नहीँ पहुंच पा रही थी हाँ अखबार के पन्ने दूसरे दिन उस गंदे रक्त से जरुर सना दिखा आखरी पन्ने के आखरी काँलम मेँ […] Read more » poem by motilal कविता: कविता या खबर-मोतीलाल