कविता कविता : कुछ बात बने August 6, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा दुःख में भी सुख से रह सको तो कुछ बात बने। पहले खुद को पहचान सको तो कुछ बात बने। जानता हूँ , तुम वो नहीं जो तुम वाकई हो जो तुम हो, वही रह सको तो कुछ बात बने। माना की दुनिया बड़ी जालिम है फिर भी जालिम को भी […] Read more » कविता : कुछ बात बने