कविता कविता : खिलौना October 8, 2013 / October 8, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा समाचार पत्रों के मुखपृष्ठ एक बार फिर खून से रंगे पड़े हैं दर्जनभर दबे-कुचले लोगों को मारकर आधे दर्जन दबंग असलहों के साथ सैकड़ों मूक दर्शकों के सामने निकल पड़े हैं वीर ( ? ) बने राजनीतिक बयानबाजी का टेप बजने लगा है अनवरत इधर, सत्ता प्रतिष्ठान की आँखों से बह निकली […] Read more » कविता : खिलौन