बच्चों का पन्ना कविता में व्यथा September 28, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment उड़ते उड़ते तितली बोली, दादाजी क्या हाल चाल है| सुबह सुबह से लिखते रहते, यह तो सचमुच ही कमाल है| लिखो हमारे बारे में भी, कठिन दौर से गुजर रहे हैं| रस पीने अब कहाँ मिल्रॆगा, फूल नहीं अब निखर रहे हैं| पेड़ काट डाले लोगों ने, फूलों के पौधे भी ओझल| आज बचे जो […] Read more » कविता में व्यथा