कविता किस के लिए संवर रहीं हो तुम April 19, 2021 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment किस के लिए संवर रहीं हो तुम,अपने आप में निखर रही हो तुम। तेरा भंवरा तो आ चुका है तेरे ही पास,फिर फूल बनकर क्यों बिखर रही हो तुम। दिल से कहो धड़कना बन्द कर दे,फिर इतना क्यों डर रही हो तुम। राहों में जब खुद खड़ा है तेरे पास,फिर भी राहों से गुजर रही […] Read more » किस के लिए संवर रहीं हो तुम