कविता व्यंग्य हाथी और कुत्ते December 9, 2014 / December 9, 2014 by डॉ. सुधेश | Leave a Comment हाथी चल रहा है अपनी चाल कुत्ते भौंकते हैं पीछे पीछे भौंकते ही भौंकते बस भौंकते हैं कर न सकते कुछ मगर क्यों भौंकते क्या उस से डरते नहीं वे हैं वाग्वीर फिर क्यों भौंकते उन्हें हाथी से घृणा है उस की बेढब शक्ल से उस के तीखे बोल से उस की चाल से […] Read more » कुत्ते हाथी