कविता कैसे छोड़ दू साथ प्रिये ! October 4, 2020 / October 4, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कैसे छोड़ दू साथ प्रिये !जीवन की ढलती शामो में,धूप छांव की साथी रही होमेरे दुख सुख के कामों में।। साथ मरेंगे साथ जिएंगे,ये वादा किया था दोनों ने,क्यो अलग हो जाए हम ,जब साथ फेरे लिए थे दोनों ने जर्जर शरीर हो चला दोनों काअब तो कोई इसमें न दम रहाएक दूजे की करगे […] Read more » How can I leave dear कैसे छोड़ दू साथ प्रिये