गजल गजल:सुमन पागल अरजने में- श्यामल सुमन July 15, 2012 / July 15, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment खुशी की दिल में चाहत गर, खुशी के गीत गाते हैं भरोसा क्या है साँसों का, चलो गम को भुलाते हैं दिलों में गम लिए लाखों, हँसी को ओढ़कर जीते सहज मुस्कानवाले कम, जो दुनिया को सजाते हैं है कीमत कामयाबी की, जहाँ पर लोग अपने हों उसी अपनों से क्यूँ अक्सर, वही […] Read more » gazal by shyamal suman गजल- श्यामल सुमन गजल:बेच रहे तरकारी लोग गजल:बेच रहे तरकारी लोग- श्यामल सुमन
गजल गजल:बेच रहे तरकारी लोग- श्यामल सुमन July 15, 2012 / July 15, 2012 by श्यामल सुमन | Leave a Comment प्रायः जो सरकारी लोग आज बने व्यापारी लोग लोकतंत्र में बढ़ा रहे हैं प्रतिदिन ये बीमारी लोग आमलोग के अधिकारों को छीन रहे अधिकारी लोग राजनीति में जमकर बैठे आज कई परिवारी लोग तंत्र विफल है आज देश में भोग रहे बेकारी लोग जय जयकार उन्हीं की होती जो हैं […] Read more » gazal by shyamal suman गजल- श्यामल सुमन गजल:बेच रहे तरकारी लोग गजल:बेच रहे तरकारी लोग- श्यामल सुमन