खेत-खलिहान लुप्त होता किसान- गिरीश मिश्रा November 13, 2010 / December 20, 2011 by गिरीश मिश्रा | 1 Comment on लुप्त होता किसान- गिरीश मिश्रा यदि वर्तमान भारत, विशेषकर हिंदी पत्रकारिता और साहित्य, को देखें तो किसान को लेकर स्पष्टता का सर्वथा अभाव मिलेगा। अनेक तथाकथित वरिष्ठ पत्रकार और प्रख्यात साहित्यकार भी इस तथ्य से अनभिज्ञ हैं कि भारत में किसान नामक प्राणी का अस्त्वि समाप्त हो रहा है। जिसे हम आज किसान कहते हैं वह वस्तुत: खेतिहर है। दोनों […] Read more » Farmer किसान गिरीश-मिश्रा