कविता गोरी की सुन्दरता पर उपमाये July 12, 2018 / July 12, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी लाल टमाटर से गाल है गोरी,सब्जी मंडी क्यों जाऊ आज दफतर से छुट्टी लेकर,क्यों न मै मौज मनाऊ हिरणी जैसी आंखे तेरी,क्यों शिकार करने मै जाऊ आज शिकार घर में करेगे,क्यों जंगल अब मै जाऊ सुराही सी गर्दन गोरी तेरी,क्यों कुम्हार के घर जाऊ जब सुराही अपने घर में,क्यों बाहर का पानी […] Read more » गोरी गोरी की सुन्दरता पर उपमाये चांदी जैसा बदन लाल टमाटर सब्जी मंडी सुनहरे बाल