व्यंग्य साहित्य समय की रेत, घटनाओं के हवा महल … November 28, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बचपन में टेलीविजन के प र्दे पर देखे गए दो रोमांचक दृश्य भूलाए नहीं भूलते। पहला क्रेकिट का एक्शन रिप्ले और दूसरा पौराणिक दृश्यों में तीरों का टकराव। एक्शन रिप्ले का तो ऐसा होता था कि क्रिकेट की मामूली समझ रखने वाला भी उन दृश्यों को देख कर खासा रोमांचित हो जाता […] Read more » घटनाओं के हवा महल समय की रेत