कविता साहित्य “चलो हम प्यार करें” September 11, 2015 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment छोड़ो यह तकरार, चलो हम प्यार करें, तुम मानो मेरी बात, चलो हम प्यार करें ! हिम शिखर से हिम चुराकर अपना मन शीतल कर लो, बागों से खिलती कलियाँ चुन , तुम अपनी झोली भर लो, नील गगन में उड़ते पंछी, जैसे हम आजाद उड़े, प्रेम नगर की प्रेम डगर पर कितने वर्षो बाद […] Read more » "चलो हम प्यार करें"