कविता चालाक लोमड़ी January 1, 2018 by शकुन्तला बहादुर | Leave a Comment एक लोमड़ी थी चालाक । उसको थी रोटी की ताक ।। उसने देखा आँख उठा कर। कौआ बैठा दिखा पेड़ पर ।। कौए के मुँह में थी रोटी । लोमड़ी की फड़की तब बोटी।। हँसी लोमड़ी , बोली यों । “कौआ भैया, चुप हो क्यों? कुछ तो बोलो, बात करो तुम। अपने दिल का हाल […] Read more » clever fox चालाक लोमड़ी