कविता ठंडी कितना सता रही है January 9, 2023 / January 9, 2023 by अजय एहसास | Leave a Comment भीतर भीतर तन में सिहरनमुंह में मन में ईश्वर सुमिरनतरुओं पर जो धूल जमी थीओस बरस के बहा रही हैवृष्टि, पवन दोनों ही एक होठंडी कितना सता रही है । शीतलहर कंपन के कारणधरती अम्बर सिमट रहे हैंकुहरे धुंध के अंधियारों मेंवे आपस में लिपट रहे हैंओस, गलन और धुंध ये कोहरासाथ पवन पश्चिम की […] Read more » The cold is hurting so much. ठंडी कितना सता रही है