कविता तुमने जो भी कहा, क्या खूब कहा… April 23, 2014 / April 23, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- तुमने जो भी कहा, क्या खूब कहा उसने जो भी कहा, क्या खूब कहा तुमको उसको मैं ही तो चुनने वाला था आखिर को इक मैं ही तो सुनने वाला था! तुम ठहरे सपनों के सौदागर वह ठहरा बातों का जादूगर सच झूठ के बीच इक बारीक़ सा जाला था आखिर को इक […] Read more » poem कविता क्या खूब कहा... तुमने जो भी कहा