कविता
देखो देखो सावन है आया !
/ by सुनील कुमार महला
झम-झम बरसे मेघ,तरूओं के भीगे तन, भीगे हरेक आज मनदेखो देखो सावन है आया ! चम-चम चमके बिजलियां,झूम रहे तन और झूम रही सारी वनस्पतियांदेखो देखो सावन है आया ! नव ऊर्जा का हो रहा संचार,मन प्रफुल्लित है, धुल रहे सारे विकारदेखो देखो सावन है आया ! झर-झर झूमते झरने,खुश हैं पशु, खुश हैं पंछी, […]
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