कविता धूप की हड़ताल January 17, 2022 / January 17, 2022 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment चल रही है आजकल धूप की हड़ताल,पड़ रहा है आजकल इसका भी अकाल।आजकल इसके दर्शन भी बड़े दुर्लभ है,बाजार में किसी कीमत पर न उपलब्ध है।। मजदूरों को तो हमने हड़ताल करते देखा,जाड़ों में इसको हमने हड़ताल करते देखा।गर्मियों में ये हड़ताल क्यो नही करती ?जाड़ों में ये दुबकी डुबकी क्यो फिरती ? कोई वैज्ञानिक […] Read more » धूप की हड़ताल