चुनाव राजनीति व्यंग्य नई नाटक-मंडली की नित नई पटकथाएं April 5, 2014 by आलोक कुमार | Leave a Comment -आलोक कुमार- ‘टोपी – झाड़ू’ वाली नयी नाटक – मंडली के सारे ‘ड्रामे’ कैमरे के सामने ही क्यों होते हैं ? इसे समझना ‘रॉकेट साईन्स’ समझने जैसा कठिन नहीं हैl अपने शुरुआती दौर ‘नुक्कड़’ से लेकर आज तक इस मंडली के निर्देशक और अन्य ‘नाटककार’ आज के दौर में कैसे सुर्खियों में बना रहा जाता है, इसका‘फलसफा’ भली- भांति समझ व जान चुके हैंl रामलीला मैदान, जंतर-मंतर से लेकर ‘रंगशाला’ तक के इनके सफर में ‘कैमरे’ की […] Read more » satire on politics नई नाटक-मंडली की नित नई पटकथाएं