दोहे साहित्य नेता और कुदाल June 11, 2013 by श्यामल सुमन | Leave a Comment चली सियासत की हवा, नेताओं में जोश। झूठे वादे में फँसे, लोग बहुत मदहोश।। दल सारे दलदल हुए, नेता करे बबाल। किस दल में अब कौन है, पूछे लोग सवाल।। मुझ पे गर इल्जाम तो, पत्नी को दे चांस। हार गए तो कुछ नहीं, जीते तो रोमांस।। जनसेवक राजा हुए, रोया सकल […] Read more » नेता और कुदाल