चिंतन न्यायपालिका के सामाजिक आधार में विस्तार की जरूरत March 13, 2014 by देवेन्द्र कुमार | Leave a Comment -देवेन्द्र कुमार- भारत की सामाजिक-राजनीतिक व्यवस्था में न्यायपालिका को सामाजिक परिवर्तन के एक हथियार के रूप में देखा जाता रहा है और न्यायपालिका ने अपने कई महत्वपूर्ण फैसले के द्वारा सामाज को एक नई दिशा देने की कोशिश भी की है। बाबजूद इसके, न्यायपालिका का जो सामाजिक गठन रहा है, सामाज के जिस हिस्से, तबके […] Read more » judiciary needs social spread न्यायपालिका के सामाजिक आधार में विस्तार की जरूरत