विविधा पंचायती राज और जातीय पंचायतें January 30, 2014 / January 30, 2014 by दिनेश परमार | Leave a Comment -दिनेश परमार- न्याय एक सार्वभौमिक अवधारणा है। अतः संसार के प्रत्येक देश में इसके संबंध में बहुत विपुल कार्य किया गया। पश्चिम में अरस्तु-प्लेटों जैसे आदर्शवादियों से लेकर मैकियावेली जैसे कुटनीतिज्ञों व लॉक-हॉब्स जैसे सामाजिक समझौतावादियों से लेकर मार्क्स जैसे क्रांतिवादियों तक सभी ने न्याय को अपने-अपने ढंग से परिभाषित किया। अपने देश में […] Read more » Panchayati Raj and caste panchayats Panchayati Raj and village assembly पंचायती राज और जातीय पंचायतें