कविता ‘पदमावत’चौपाई हो ? July 26, 2013 by डा.राज सक्सेना | 3 Comments on ‘पदमावत’चौपाई हो ? डा.राज सक्सेना ‘सतसईया’ का दोहा हो या, ‘पदमावत’चौपाई हो ? या बच्चन की ‘मधुशाला’की,सबसे श्रेष्ठ रुबाई हो ? केश-कज्जली ,छवि कुन्दन सी, चन्दन जैसी गंध लिये | देवलोक से पोर-पोर में, भर लाई क्या छंद प्रिये | चातक चक्षु,चन्द्रमुख चंचल,चन्दनवन से आई हो ? या बच्चन की […] Read more » 'पदमावत'चौपाई हो ?