व्यंग्य बदहाल अर्थ व्यवस्था में आखिर क्या करे आदमी ….!! September 14, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा कहां राजपथों पर कुलांचे भरने वाले हाई प्रोफोइल राजनेता और कहां बाल विवाह की विभीषिका का शिकार बना बेबस – असहाय मासूम। दूर – दूर तक कोई तुलना ही नहीं। लेकिन यथार्थ की पथरीली जमीन दोनों को एक जगह ला खड़ी करती है। 80 के दशक तक जबरन बाल विवाह की सूली […] Read more » दिल्ली-मुंबई फिजूलखर्ची बदहाल अर्थ व्यवस्था