लेख बुढ़ापा नहीं है ‘अंत’ December 3, 2020 / December 3, 2020 by हिमांशु प्रभाकर | Leave a Comment हिमांशु प्रभाकर अक्सर लोग बूढ़े व्यक्ति की अवस्था देखकर उसे इच्छा विहीन समझ लेते हैं और ऐसी व्यवस्था बनाते हैं जिनकी खुशियों के उत्सव में उसकी भागीदारी का कोई अर्थ नहीं बचता । वैसे देखे तो हमारी प्राचीन परंपरा भी इसी दिशा की ओर इशारा करती है जो बूढ़े को गृह-त्याग और सन्यास जैसी अवस्था […] Read more » Old age is not the end बुढापा
कविता बुढापा August 2, 2018 / August 2, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बहुतो ने भुला दिया मुझे गिला नहीं उनसे कोई मुझे पर अपने ही भुला देते जब मुझे सोचने को मजबूर कर देते है मुझे जीवन का अंतिम पड़ाव है ये काटे से कटता अब नहीं है ये जीवन में मुश्किलें आई तो बहुत आसानी से काट ली थी तब वे जिनको चलना सिखाया था मैंने […] Read more » अंतिम पड़ाव अँधेरा दिखा जीवन पैसे दवाई बुढापा