बच्चों का पन्ना बड़ी चकल्लस है September 10, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment रोज रोज का खाना खाना. बड़ी चकल्लस है| दादी दाल भात रख देती.करती फतवा जारी| तुम्हें पड़ेगा पूरा खाना.नहीं चले मक्कारी| दादी का यह पोता देखो कैसा परवश है| बड़ी चकल्लस है| “भूख नहीं रहती है फिर भी कहते खालो खालो| घुसो पेट में मेरे भीतर.जाकर पता लगालो| तुम्हें मिलेगा पेट लबालब.भरा ठसाठस है|” बड़ी […] Read more » बड़ी चकल्लस है