कविता भजन: राम नाम महिमा April 22, 2025 / April 22, 2025 by नन्द किशोर पौरुष | Leave a Comment तर्ज: सजनवा बैरी हो गए हमार मु: मनवा जप ले राम (हरी) को नाम।नाम की महिमा वरणी न जाये,समझ ना पाए राम।।मनवा जप ले_ अंत १ : कलयुग केवल नाम आधारा, नित दिन कर ले जाप।सुमिर सुमिर नर उतरें पारा, मिट जाये भव के ताप।।अपने मुख से तुलसी कह गए, नाम बड़ा अविराम।।मनवा जप ले_ […] Read more » भजन: राम नाम महिमा