कविता
अंधियारे उर में भरे, मन में हुए कलेश !!
/ by डॉ. सत्यवान सौरभ
मन को करें प्रकाशमय, भर दें ऐसा प्यार !हर पल, हर दिन ही रहे, दीपों का त्यौहार !!दीपों की कतार से, सीख बात ले नेक !अँधियारा तब हारता, होते दीपक एक !!फीके-फीके हो गए, त्योहारों के रंग !दीप दिवाली के बुझे, होली है बेरंग !!दीये से बात्ती रुठी, बन बैठी है सौत !देख रहा मैं […]
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