दोहे माँ की ममता माणिक-मुक्ता May 6, 2020 / May 6, 2020 by शकुन्तला बहादुर | 2 Comments on माँ की ममता माणिक-मुक्ता *मन-मंजूषा में मधुरिम सी, माँ की ममता माणिक-मुक्ता।मंज़िल तक मुझको पहुँचाती,अक्षय-निधि सी उसकी शिक्षा।।*माँ प्रभात की ज्योति-किरण थी,किया तमस को हमसे दूर।त्यागीं अपनी सुख-सुविधाएँ, मुझको प्यार दिया भरपूर ।।*वरद-हस्त मुझ पर रहता है, ईश्वर सा उसका है स्वरूप।मुझसे तो वह दूर नहीं है , मैं तो हूँ उसका ही रूप ।।*मिली चेतना मुझको उस से, […] Read more » poem on mothers day मातृ-दिवस