कविता है ! मानुष मन में जरा धीरज धरे। May 17, 2020 / May 17, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment है ! मानुष मन में जरा धीरज धरे।ये कोरोना आया है,एक दिन जरूर टरे।।जो आवत है वो जावत है,ये प्रकृति नियम न टरे।जो जन्मा है उसे मरना है इसमें संशय जरा न करे ।।ये माया तो आवत जावत है काहे इसके फेर में परे।जब तक है कोरोना तब तक घर पर ही रहे।।पूरब पश्चिम उत्तर […] Read more » मानुष मन में जरा धीरज धरे