कविता मालिक एक।। July 9, 2020 / July 9, 2020 by अजय एहसास | Leave a Comment कोई गीता समझता है कोई कुरआन पढ़ता हैमगर ईश्वर की महिमा को नहीं नादाँ समझता है।वो तेरे पास ऐसे है, हृदय में श्वास जैसे हैजो उनका बन ही जाता है, ये बस वो ही समझता है।कोई गीता समझता है कोई कुरआन पढता है,मगर ईश्वर की महिमा को नहीं नादाँ समझता है।धर्म मजहब के नामों पर […] Read more » मालिक एक