शख्सियत शायर-ए-आजम मिर्जा ग़ालिब December 28, 2014 / December 28, 2014 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment रगों में दौड़ने फिरने के हम नहीं कायल, जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है। आम लोगों की तल्ख़ जिन्दगी की हकीकतों को जुबां देना उनका मकसद था। उनकी शेरो-शायरी की पूरी दुनिया कायल है। उर्दू शायरी को उन्होने ऐसी क्लासिकी मुकाम दिया कि उर्दू अदब को उनपर नाज है। उनका […] Read more » Mirza Ghalib मिर्जा ग़ालिब शायर-ए-आजम मिर्जा ग़ालिब