कविता मेरी बहना August 22, 2021 / August 22, 2021 by अजय एहसास | Leave a Comment कभी वो दोस्त जैसी है, वो दादी मां भी बनती हैबचाने की मुझे खातिर, वो डांटे मां की सुनती हैअभी सर्दी नहीं आई, वो रखती ख्याल है मेरावो मेरी बहना है मेरे लिए स्वेटर जो बुनती है। कभी लड़ती झगड़ती प्यार भी करती वो कितनी हैजो रखती हाथ सिर पे मां के आशीर्वाद जितनी हैवो […] Read more » मेरी बहना
कविता मेरी बहना। May 10, 2020 / May 10, 2020 by अजय एहसास | Leave a Comment कभी वो दोस्त जैसी है, वो दादी मां भी बनती हैबचाने की मुझे खातिर, वो डांटे मां की सुनती हैअभी सर्दी नहीं आया, वो रखती ख्याल है मेरावो मेरी बहना है मेरे लिए स्वेटर जो बुनती है। कभी लड़ती झगड़ती प्यार भी करती वो कितनी हैजो रखती हाथ सिर पे मां के आशीर्वाद जितनी हैवो […] Read more » मेरी बहना