कविता मेरे मन के भाव September 22, 2020 / September 22, 2020 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment कुछ स्वप्न थे मेरे धुंधलेे से,कुछ चाहत मेरी उजली थी।कोई आहट थी धीमी सी ,उनके लिए मै पगली सी थी।। कुछ मन में भाव अजीब से थे ,दिल में मिलने कुछ चाहत थी ।।न मै मिल सकी न तुम मिल सके,दोनों के दिल में घबराहट थी।। कुछ पगडंडी टेढ़ी सी थी,दिल में कुछ झुंझलाहट थी […] Read more » मेरे मन के भाव