कविता यह खेल खतरनाक है,खेल को समझिए जरा November 4, 2019 / November 4, 2019 by सलिल सरोज | Leave a Comment यह खेल खतरनाक है,खेल को समझिए जरा कत्लों -गाह का ग़र तजुर्बा है तो उतरिए ज़रा बाकायदा खून की बू आपको पसंद आती हो तब ही इन सियासती गलियों से गुजरिए ज़रा कभी अपनों के लाश देखो और गौर से देखो फिर अपने किए झूठे वायदों से मुकरिए ज़रा ये चीख, ये चिल्लाहट ,ये झुंझलाहट, […] Read more » यह खेल खतरनाक है