कविता मामूली हैं मगर बहुत खास है… June 30, 2018 / June 30, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा, मामूली हैं मगर बहुत खास है… बचपन से जुड़ी वे यादें वो छिप छिप कर फिल्मों के पोस्टर देखना मगर मोहल्ले के किसी भी बड़े को देखते ही भाग निकलना सिनेमा के टिकट बेचने वालों का वह कोलाहल और कड़ी मशक्कत से हासिल टिकट लेकर किसी विजेता की तरह पहली पंक्ति में […] Read more » कनखियों से रसगुल्लों फिल्मों बारिश मामूली हैं मगर बहुत खास है... रसगुल्लों की बाल्टियों