कविता रहा हूँ November 5, 2022 / November 5, 2022 by रोहित सुनार्थी | Leave a Comment मैं किसी का आसानी से कट जाने वाला दिन तो कभी किसी की नींद से जुदा रात रहा हूँ मैं किसी दोपहरी में जलाने वाला आग का गोला तो कभी किसी की धुप सेकने वाला सूरज रहा हूँ मैं किसी की ज़िन्दगी में पूरा उजाला भरने वाला तो कभी हर दिन घटने वाला और कभी […] Read more » रहा हूँ