कविता कविता : रिश्तों की बुनियाद July 25, 2013 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment मिलन सिन्हा पहले खुद पर ऊँगली उठा सको तो जानें पहले गैर के आंसू पोंछ सको तो जानें . जानना समझना तो अभी बहुत कुछ है यहाँ कितने अज्ञानी है हम, पहले यही जान सको तो जानें . भाई – भाई में झगड़ा, बाप-बेटे में मतान्तर रिश्तों की बुनियाद अब क्या है […] Read more » रिश्तों की बुनियाद