व्यंग्य दुनिया के रिश्वतखोरों! एक हो January 12, 2016 by अशोक मिश्र | Leave a Comment अशोक मिश्र काफी दिनों बाद उस्ताद गुनाहगार से भेट नहीं हुई थी। सोचा कि उनसे मुलाकात कर लिया जाए। सो, एक दिन उनके दौलतखाने पर पहुंच गया। हां, दौलतखाना शब्द पर याद आया। लखनऊ की नजाकत-नफासत के किस्से तो सभी जानते हैं, लेकिन दौलतखाना और गरीब खाना शब्द का एक अजीब घालमेल है। लखनउवा जब […] Read more » रिश्वतखोरों