व्यंग्य व्यंग्य बाण : वी.वी.आई.पी. खांसी February 21, 2015 / February 23, 2015 by विजय कुमार | 2 Comments on व्यंग्य बाण : वी.वी.आई.पी. खांसी मुझे फिल्म देखने का कभी शौक नहीं रहा। हां, अच्छे गीत सुनने से मन-मस्तिष्क को आराम जरूर मिलता है। बालगीत भी बहुत अच्छे लगते हैं। ऐसे कुछ गीत और कविताएं मैंने भी लिखी हैं। कई बड़े अभिनेताओं ने बालगीत गाये हैं, यद्यपि वे स्थापित गायक नहीं है। इनमें अशोक कुमार द्वारा फिल्म ‘आशीर्वाद’ में गाया […] Read more » वी.वी.आई.पी. खांसी