व्यंग्य काश…! दादी ने शहर की कहानी सुनाई होती May 27, 2015 by कन्हैया कुमार झा | Leave a Comment काश…! दादी ने शहर की कहानी सुनाई होती लोग कहते हैं फिल्में समाज का दर्पण होती हैं मतलब समाज मे जो कुछ घटित होता है, समाज की जो भी असलियत है, जितनी संवेदना है , जैसी भी अवधारना है, फिल्में ठीक वैसी ही परोसती हैं । कभी-कभी तो हर आदमी की कहानी ही फिल्मी लगती […] Read more » काश...! दादी ने शहर की कहानी सुनाई होती: नानी विदेशनीति व्यंग सरकार