कविता श्राद्ध पर कुंडलिया September 28, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment जब तक श्रद्धा न हो,श्राद्ध करना है बेकार किसी ने हाल न पुछा,जब था बाँप बीमार जब था बीमार,किसी ने दवाई को न पूछा मर गया बेचारा बाँप,पहने हुए एक कच्छा कह रस्तोगी कविराय,रिवाज ऐसे बनाओ श्राद्ध मत करो तुम,जीते जी खाना खिलाओ जीते जी बाँप के साथ करते दंगम दंगा मरने पर सारे बेटे […] Read more » दवाई बाँप बेटे श्राद्ध पर कुंडलिया