व्यंग्य संघर्ष की शक्ल….!! October 14, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा मैं जीवन में एक बार फिर अपमानित हुआ था। मुझे उसे फाइव स्टार होटल नुमा भवन से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया था, जहां तथाकथित संघर्षशीलों पर धारावहिक तैयार किए जाने की घोषणा की गई थी। इसे किसी चैनल पर भी दिखाया जाना था। पहली बार सुन कर मुझे लगा […] Read more » संघर्ष की शक्ल....!!