व्यंग्य साहित्य सजा का मजा…!! September 16, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा मैने कई बार महसूस किया है कि बेहद सामान्य व छोटा लगने वाला कार्य करने के बाद मुझे लगा जैसे आज मैने कोई अश्विसनीय कार्य कर डाला है। वैसे सुना है कि भीषण रक्तपात के बाद चक्रवर्ती सम्राट बनने वाले कई राजा – महाराजा इसकी उपलब्धि के बाद मायूस हो गए। यह […] Read more » सजा का मजा