कविता सड़कें हैं , सवार नहीं ….!! July 23, 2020 / July 23, 2020 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा बड़ी मारक है , वक्त की मारहिंद में मचा यूं हाहाकारसड़कें हैं , सवार नहींहरियाली है , गुलज़ार नहींबाजार है , खरीदार नहींगुस्सा है , इजहार नहींसोने वाले सो रहेखटने वाले रो रहेखुशनसीबों पर सिस्टम मेहरबानबाकी भूखों को तो बस ज्ञान पर ज्ञानजाने कब खत्म होगा नई सुबह का इंतजारबड़ी मारक है […] Read more » सवार नहीं