कला-संस्कृति साहित्य में राष्ट्रीय धारा ही मुख्यधारा का वैकल्पिक औजार April 11, 2014 by आशीष आशू | Leave a Comment जाति, नस्ल, धर्म व संप्रदाय की पूर्ण आहूति ही राष्ट्रीय धारा का शंखनाद -आशीष आशू- साहित्य में कई धाराओं या विचारों का समावेश होता है. एक पाठक के लिए साहित्य, समाज में व्याप्त अच्छे व बुरे गतिविधियों या चलन को जानने व समझने का माध्यम होता है. पाठक किसी भी लेखक व रचनाकार की दृष्टि […] Read more » national existence in literature साहित्य में राष्ट्रीय धारा ही मुख्यधारा का वैकल्पिक औजार