कविता सिंदूर तो सिर्फ झांकी है, मेहंदी और हल्दी बाकी है May 8, 2025 / May 8, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment ** सिर्फ सिंदूर से क्या होगा,आग अभी सीने में बाकी है।खून में जो लावा बहता है,उसमें हल्दी की तासीर बाकी है। फिर से हवाओं को रुख देना है,इंकलाब की आंधी बाकी है।धधकते शोलों में रंग भरना है,अभी मेहंदी की सरगर्मी बाकी है। रास्तों पर बिछी हैं दीवारें,पर हमारे इरादों की ऊँचाई बाकी है।सिर्फ झांकी दिखी […] Read more » mehndi and turmeric are still left of operation sindoor operation sindoor Sindoor is just a glimpse सिंदूर तो सिर्फ झांकी है