दोहे सुधियां- डा.राज सक्सेना July 10, 2013 by डा.राज सक्सेना | Leave a Comment पोर – पोर थर-थर करे, प्रिय की सुधि से आज | क्या भूलूं उन क्षणों से, हर क्षण प्रिय है ‘राज’ || प्रथम पहर मधुयामिनी , प्रियतम थामा हाथ | पोर – पोर बिहंसा सखी, हर किलोल के साथ || वस्त्रों संग छूटे सभी, तन-मन के तटबंध | अंतरमन तक हो गए, जन्मों […] Read more » सुधियां- डा.राज सक्सेना